यहीं से अधिकतर यात्री चित्रकूट यात्रा की शुरुआत करते हैं – राम नाम की धुन, दीपदान और शांत मंदाकिनी का संगम।
यात्रा अनुभव
आरती के समय घंटों की ध्वनि, नदी पर तैरते दीप और भक्तों का “जय श्री राम” पूरे वातावरण को अत्यन्त कोमल व आध्यात्मिक बना देता है। कुछ देर केवल चुपचाप बैठकर मंदाकिनी की धारा को देखना ही अपने आप में साधना है।
यात्री के लिए सुझाव
- बस स्टैण्ड से लगभग १–२ किमी – ऑटो / रिक्शा आसानी से मिल जाता है।
- नदी किनारे बरसात में फिसलन हो सकती है – बच्चों का हाथ पकड़े रहें।
- नौका-विहार करते समय लाइफ जैकेट पहनना और मोबाइल को कवर में रखना बेहतर है।
✨ ५ मिनट के लिए बिना फोटो लिये, केवल आरती की ध्वनि और नदी की लहरों पर ध्यान दें – चित्रकूट का असली रस यहीं से शुरू होता है।